अक्कड़ बक्कड़
अक्कड़ बक्कड़ बंबे बो |
अस्सी नब्बे पूरे सौ |
बाग झुलाई बग्झुलियाम झुलाई |
सावन मास कोलिंदा फूलै
फूल फूल फुलवारी को |
बाबाजी की बारी को |
हमका दिनेह्म्नी कच्ची
अपना लिनेह्म्नी पक्की
पत्त्घोदा , पानी पी , जाची है
Sreeja S Nair
IX C
No comments:
Post a Comment